संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से होगी वसूली : शाह
नयी दिल्ली, 11 मार्च (ट्रिन्यू)
दिल्ली के दंगों को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को क्लेम कमीशन का गठन करने को लिख दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि यह कमीशन दंगों में शामिल लोगों और उनकी भूमिका की पहचान करेगा। सार्वजिनक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली होगी। लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि यह हिंसा साजिश के तहत हुई। दिल्ली में दंगों के लिए 300 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से आए थे। उत्तर प्रदेश से जिन चेहरों की पहचान हुई है, उससे यह बात साबित होती है कि यह गहरी साजिश थी। शाह ने इस हिंसा के लिए कांग्रेस समेत विभिन्न दलों व संगठनों के बयानों को भी जिम्मेदार ठहराया। दूसरी ओर इससे पहले कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने हिंसा के लिए शाह को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस के सदस्य तो शाह का पूरा जवाब होने से पहले ही सदन की कार्यवाही से वाकआउट कर गए।
शाह ने कहा कि इस हिंसा के मामले में अब तक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हंै और 2647 लोगों को गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया है। दोषियों को पकड़ने के लिए पुलिस की 40 टीमें बनाई गईं। हिंसा के दौरान इस्तेमाल हुए करीब 50 हथियारों को जब्त किया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा के फुटेज की जांच की जा रही है।
शाह ने विपक्ष के लगाए उन आरोपों का खारिज कर दिया, जिनमें दंगों को रोकने में दिल्ली पुलिस पर विफलता का आरोप लगाया गया था। उन्होंने दिल्ली पुलिस की पीठ थपथपाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने 36 घंटों के भीतर ही हिंसा पर काबू पा लिया। शाह ने कहा कि 20 लाख लोगों की आबादी के बीच हो रहे दंगों को बाकी दिल्ली तक न फैलने देना दिल्ली पुलिस की कामयाबी रही। शाह ने कहा कि 25 फरवरी की रात के बाद दिल्ली में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई। होली पर माहौल शांतिपूर्ण बना रहे इसलिए होली के बाद सदन में चर्चा की बात कही थी। क्योंकि दिल्ली में हुए दंगों को देश और दुनिया के सामने अलग रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने चर्चा शुरू करते हुए आरोप लगाया कि दंगे केंद्र सरकार की लापरवाही से हुए। उन्होंने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि हिंसा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह 3 दिन तक कहां थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली की कानून की जिम्मेदारी शाह के पास है इसलिए वे जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि तब दिल्ली के सांसद और विधायक कहां थे। बहरहाल, दिल्ली हिंसा पर बृहस्पतिवार को राज्यसभा में चर्चा होगी। जबकि इस चर्चा के साथ ही लोकसभा का गतिरोध भी टूट गया। इससे पहले कांग्रेस के सभी 7 सांसदों का निलंबन भी वापस हो गया है। स्पीकर बिरला भी बुधवार को सदन में पहुंचे और सदन की कार्यवाही का संचालन किया।
सीएए पर फैलाया जा रहा है भ्रम
शाह ने कहा कि देशभर में सीएए के समर्थन में भी रैलियां निकली हैं। ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि सीएए के समर्थक लोगों के निकलने से हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि वास्तव में कांग्रेस समेत विभिन्न दलों व संगठनों के नेताओं के भड़काऊ बयानों के बाद हिंसा का माहौल बना। कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद 16 दिसंबर को शाहीन बाग का धरना शुरू हो गया। इसके बाद 17 फरवरी को एक स्पीच हुई कि 24 फरवरी को ट्रंप जब भारत आएंगे तो हम बताएंगे कि भारत की सरकार क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि वारिस पठान 19 फरवरी को कहते हैं कि जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसे छीननी पड़ती है। इसके बाद हिंसा की शुरुआत होती है। इसके बाद 24 फरवरी को दंगे होते हैं।
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