बंगाल ने की वापसी लेकिन सौराष्ट्र का पलड़ा भारी

राजकोट में बुधवार को रणजी ट्राफी फाइनल के तीसरे दिन सौराष्ट्र के गेंदबाज चिराग जानी को बंगाल के बल्लेबाज मनोज तिवारी को आउट करने पर बधाई देते साथी खिलाड़ी। -प्रेट्र
राजकोट, 11 मार्च (एजेंसी)
बंगाल के अनुभवी बल्लेबाजों मनोज तिवारी और सुदीप चटर्जी की टूटती पिच पर संघर्षपूर्ण साझेदारी के बावजूद सौराष्ट्र ने रणजी ट्राफी फाइनल के तीसरे दिन बुधवार को यहां अपना पलड़ा भारी रखा। चटर्जी (145 गेंदों पर नाबाद 47) और तिवारी (116 गेंदों पर 35) ने चेतेश्वर पुजारा से प्रेरणा लेकर बल्लेबाजी की और 226 गेंदों पर 89 रन की साझेदारी करके बंगाल को 2 विकेट पर 35 रन की खराब शुरुआत से उबारने का अच्छा प्रयास किया। इस पिच पर पहले दिन से गेंद काफी नीचे रह रही है और ऐसे में बंगाल के सामने सौराष्ट्र के पहली पारी के 425 रन के स्कोर को पार करना बड़ी चुनौती है। बंगाल ने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक 65 ओवरों में 3 विकेट पर 134 रन बनाये और वह सौराष्ट्र से 291 रन पीछे है। चटर्जी के साथ ऋद्धिमान साहा (43 गेंदों पर चार रन) खेल रहे हैं। सौराष्ट्र ने सुबह 8 विकेट पर 384 रन से आगे खेलना शुरू किया और सुबह के सत्र में एक घंटे 10 मिनट तक बल्लेबाजी की। इस दौरान उसने 41 रन जोड़े। जयदेव उनादकट (20) और धर्मेन्द्रसिंह जडेजा (नाबाद 33) ने आखिरी विकेट के लिये 38 रन जोड़े। पुजारा और अर्पित ने दूसरे दिन 5 घंटे तक बल्लेबाजी करके सौराष्ट्र को अच्छी स्थिति में पहुंचाया था और बंगाल को भी मैच में बने रहने के लिये कुछ खास करना होगा। सौराष्ट्र की निगाहें जहां अपने पहले रणजी खिताब पर टिकी हैं वहीं बंगाल ने 1989-90 से ट्राफी नहीं जीती है। सौराष्ट्र के गेंदबाज चौथे दिन भी पिच से फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। तिवारी के आउट होने से पता चलता है कि इस असमान उछाल वाली पिच पर बल्लेबाजी करना कितना मुश्किल है। चिराग जानी ने नीची रहती गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट किया।
फाइनल में डीआरएस के सीमित इस्तेमाल से दिलीप दोशी नाराज
पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप दोशी ने रणजी ट्राफी फाइनल में डीआरएस के सीमित इस्तेमाल के बीसीसीआई के फैसले पर बुधवार को निशाना साधते हुए कहा कि तकनीक को ‘पूरी तरह या बिलकुल भी नहीं’ लागू किया जाना चाहिए। ‘बाल ट्रेकिंग’ तकनीक डीआरएस का अहम हिस्सा है लेकिन रणजी फाइनल में बीसीसीआई इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा। तीसरे दिन लंच से ठीक पहले बंगाल के कप्तान अभिमन्यु ईश्वरन को मैदानी अंपायर ने पगबाधा आउट दिया और उन्होंने डीआरएस का सहारा लिया। तीसरे अंपायर के पास ‘बाल ट्रेकिंग’ की सुविधा उपलब्ध नहीं थी जिसके कारण वह मैदानी अंपायर के फैसले को नहीं बदल सके जबकि लग रहा था कि गेंद लेग साइड से बाहर जा रही है। दोशी ने कहा, ‘ऐसा लग रहा था कि गेंद लेग साइड के बाहर जा रही है लेकिन गेंद को ट्रेक नहीं किया जा सका।’
पिच क्यूरेटर ने अरुण लाल पर साधा निशाना
रणजी फाइनल के पहले दिन ‘बेहद खराब पिच’ के अरूण लाल के बयान को खारिज करते हुए सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के क्यूरेटर महेंद्र राजदेव ने बुधवार को कहा कि यहां बंगाल के कोच ने जल्दबाजी करके गलती की। पिच पर बल्लेबाजी करना आसान नहीं है क्योंकि गेंद लगातार नीची रह रही है लेकिन चेतेश्वर पुजारा और अर्पित वसावदा ने दूसरे दिन शानदार बल्लेबाजी करते हुए क्रीज पर 5 घंटे बिताए। राजदेव ने कहा, ‘पिच पर शायद अतिरिक्त उछाल नहीं है जिसकी बंगाल के गेंदबाज उम्मीद कर रहे थे लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पिच खराब है।’
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